Sunita gupta

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स्वैच्छिक विषय कृष्ण भजन

कन्हैया तुम्हें हम बुलाते रहेंगे।
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कन्हैया तुम्हें हम बुलाते रहेंगे।
हृदय से प्रभु जी मनाते रहेंगे।

बहुत है सताती हमें मोह माया,
इसे तेरे चरणों में चढ़ाते रहेंगे।

विरह वेदना ये रुलाती हमें है,
नयन नीर अपने बहाते रहेंगे।

मीरा ने पाया जिस राह कान्हा,
उसी राह में पग बढ़ाते रहेंगे।

मेरी ज़िन्दगी सहारा न कोई,
दिले हाल तुमको सुनाते रहेंगे।

सरिता दर्श चाहती है प्रभुजी,
दर्श आरजू दिल बताते रहेंगे।

सुनीता गुप्ता’सरिता’ कानपुर

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5 Comments

Mohammed urooj khan

16-Oct-2023 12:49 AM

👌👌👌👌

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खूबसूरत अभिव्यक्ति भावों की

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बेहतरीन सृजन

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